- फेलिसिटी थिएटर इंदौर में "हमारे राम" प्रस्तुत करता है
- जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल को एआईएमए मैनेजिंग इंडिया अवार्ड्स में मिला 'बिजनेस लीडर ऑफ डिकेड' का पुरस्कार
- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
उच्च शिक्षा में प्रभावी अध्यापन के लिए ‘ आउटकम बेस्ड एजुकेशन’ महत्वपूर्ण

इंदौर. मध्य भारत की अग्रणी प्रबंध शिक्षण संस्थान – प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदौर द्वारा `क्वालिटी एनहांसमेंट प्रैक्टिसेज इन कोर्स डिज़ाइन एंड डेवलपमेंट’ ( प्रबंधीय पाठ्यक्रमोंके उद्देश्य एवं विकास में उत्कृष्टता की वृद्धि हेतु) एक तीन-दिवसीय राष्ट्रिय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाकर फैकल्टीज के अध्यापन को प्रभावकारी बनाना।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए फार्च्यून इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल बिज़नेस, नई दिल्ली के डॉ. अमिया कुमार महापात्र ने नतीजा आधारित शिक्षा (आउटकम बेस्डएजुकेशन) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा क़ि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावकारी अध्यापन के लिए आज आउटकम बेस्ड एजुकेशन समय की मांग है।
उन्होंने शिक्षा, अध्यन एवं आकलन को प्रभावी बनाने में ब्लूम्स टेक्सोनोमी के महत्वों को रेखांकित करते हुए कोर्सेज आउटलाइन डिज़ाइन और पाठ्यक्रम के विषय वस्तु के प्रमाणिकरण को प्रोग्राम लर्निंग आउटकमस केप्रावधानों के अनुसार करने बनाने पर बल दिया।
डॉ. महापात्र ने कहा क़ि पाठ्यक्रम एवं अध्यापन को प्रोग्राम लीनिंग आउटकम के साथ इस तरह समायोजित किया जाऐ जिससे क़ि संस्थान मेंपढ़ने वाले छात्रों के कौशल में अभिवृद्धि के साथ साथ उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर की डायरेक्टर, डॉ. योगेश्वरी पाठक ने कहा क़ि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य फैकल्टीज को पाठ्यक्रमों मेंसमय की मांग के अनुसार डिज़ाइन कर अपने आध्यापन को प्रभावी बनाना है क्योंकि एक प्रभावी एवं गुणवत्ता पूर्ण `कोर्स आउटलाइन’ ना सिर्फ अध्यापन को सुलभ एवं मनोरंज़क बनाता हैबल्कि छात्रों में भी अध्ययन के प्रति रुझान पैदा करता है।
डॉ. पाठक ने कहा क़ि कार्यशाला के माध्यमं से शैक्षणिक संस्थानों के फैकल्टीज ना सिर्फ अपने अनुभवों का आदान प्रदान करेंगे बल्कि इस कार्यशाला के निष्कर्षों को अपने संस्थानों मेंक्रियान्वित भी करेंगे।
कार्यशाला की कोऑर्डिनेटर एवं प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान, इंदौर की असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. पल्ल्ववी अग्रवाल ने कहा कि क्वालिटी एनहांसमेंट इन कोर्स करिकुलम विषय पर आयोजित यहकार्यशाला विभिन्न शिक्षण संस्थानों, इंटरनल क्वालिटी असुरेन्स सेलों के प्रमुखों, शिक्षाविदों, अनुसंधानकर्ताओं को कोर्सेज डिज़ाइन हेतु क्वालिटी मैप्पिंग के निपुणता को समझने मेंमददगार साबित होगी।
कार्यशाला में पी आई एम् आर (यु जी ) के डायरेक्टर डॉ. आर के शर्मा, प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान के फैकल्टीज के अलावा देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों केप्रतिनिधियों, फैकल्टीज ने भाग लिया।